डॉलर कमजोर किया तो लगेगा 100 फीसदी टैरिफ, ट्रंप ने फिर दी चेतावनी; भारत को भी मुश्किल
अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ले ली है, और शपथ लेते ही टैरिफ से जुड़ी अपनी पुरानी नीतियों को एक बार फिर दोहराया है. ट्रंप ने कई देशों को चेतावनी दी है, और इस बार भारत भी इस चेतावनी के दायरे में है. ट्रंप ने डी-डॉलराइजेशन को बढ़ावा देने वाले देशों को 100 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही है.
Trump Threatens 100% Tariffs: डोनाल्ड ट्रंप की एक बार फिर वापसी हो गई है और अमेरिका के नए राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने शपथ ले ली है. ट्रंप की टैरिफ नीतियों पर पहले ही कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन शपथ लेते ही उन्होंने इसको लेकर चेतावनी दे दी है. उनकी चेतावनी का असर दुनिया के कई देशों के साथ भारत पर भी पड़ने वाला है. ट्रंप द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद ओवल ऑफिस में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान चेतावनी दी है. तो चलिए आपको बताते हैं कि ट्रंप ने क्या कहा.
Brics देशों को चेतावनी
ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेते ही ब्रिक्स देशों (जिसमें भारत भी शामिल है) को टैरिफ संबंधी चेतावनी एक बार फिर दोहराई है. उन्होंने कहा कि यदि सदस्य देश अपने डी-डॉलराइजेशन प्रयासों को जारी रखेंगे तो उन्हें 100 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा. ट्रंप ने ग्लोबल ट्रेड में डॉलर के इस्तेमाल को कम करने के प्रयास का उल्लेख करते हुए ये बात दोहराई.
एएनआई ने ट्रंप के हवाले से कहा, “ब्रिक्स देशों के रूप में यदि वे अपने विचार के अनुसार काम करने के बारे में सोचते भी हैं तो उन्हें 100 प्रतिशत टैरिफ देना होगा.” ट्रंप की इस चेतावनी से ब्रिक्स देशों की चिंता बढ़ना लाजमी है.
Brics में कौन-कौन है शामिल
ब्रिक्स की स्थापना 2009 में हुई थी और अमेरिका इस प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ग्रुप में शामिल नहीं है. इसके सदस्य देशों में भारत, रूस, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं. ब्रिक्स के सदस्य देशों में शामिल कई देशों ने डॉलर के मुकाबले ब्रिक्स करेंसी की वकालत की है.
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Brics करेंसी की पहल
पिछले कुछ सालों में ब्रिक्स के सदस्य देशों में शामिल रूस और चीन जैसे देश डॉलर के विकल्प की तलाश में हैं और ब्रिक्स करेंसी लाना चाहते हैं. हालांकि भारत अभी इस फैसले का हिस्सा नहीं है. 2023 में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार के लिए ब्रिक्स करेंसी की बात की थी, वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डी-डॉलराइजेशन की बात कही थी.