डोनाल्ड ट्रंप के AI प्लान पर एलन मस्क ने उठाया सवाल, OpenAI के सीईओ से भी भिड़े
डोनाल्ड ट्रंप की ओर से AI के विकास को लेकर एक खास प्रोजेक्ट की घोषणा की थी, जिसमें सॉफ्टबैंक, ओपनएआई समेत एक अन्य कंपनी के शामिल होने की बात कही थी. यह प्रोजेक्ट 500 बिलियन डॉलर की है, लेकिन इस पर एलन मस्क ने सवाल उठाए हैं.
Elon Musk clashes with OpenAI’s Sam Altman: डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने के लिए 500 बिलियन डॉलर के निवेश का प्लान बनाया है. इसके लिए खास प्रोजेक्ट बनाया है, जिसका नाम ‘स्टारगेट’ दिया गया है, लेकिन ट्रंप के करीबी माने जाने वाले एलन मस्क ने उनके इस प्लान पर सवाल उठा दिया है. उन्हें लगता है कि प्रोजेक्ट से जुड़ी कंपनियों सॉफ्टबैंक, ओपनएआई और ओरेकल के पास प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं. इतना ही नहीं उन्होंने OpenAI पर भी खुलेमाम निशाना साधा है.
मस्क ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सच में कंपनियों के पास पास पैसे नहीं हैं. उन्होंने एक पोस्ट का जवाब देते हुए दावा किया कि OpenAI के पास 10 बिलियन डॉलर से ज्यादा नहीं है. हालांकि मस्क की इस टिप्पणी पर ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने भी पलटवार किया. उन्होंने जवाब में लिखा, “गलत, जैसा कि आप निश्चित रूप से जानते हैं. क्या आप हमारे साइट पर आना चाहते हैं? यह देश के लिए बहुत अच्छा है. मुझे पता है कि देश के लिए जो अच्छा है वह हमेशा आपकी कंपनियों के लिए नहीं होता है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि आप अपनी नई भूमिका में अमेरिका को प्राथमिकता देंगे.”
100 बिलियन डॉलर के निवेश से होगी शुरुआत
डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि शुरुआती दौर में 100 बिलियन डॉलर का निवेश किया जाएगा. इससे टेक्नोलॉजी का देश में विस्तार होगा. स्टारगेट प्रोजेक्ट के तहत वर्चुल इंफ्रास्ट्रक्चर, कोलॉसल डेटा सेंट और कैम्पस को नेक्स्ट जनरेशन के हिसाब से हाइटेक बनाने और डेवलप करने में मदद मिलेगी.
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जनरेट होंगी 100,000 नौकरियां
ट्रंप ने घोषणा की कि AI को लेकर शुरू हो रहे इस प्रोजेक्ट से जॉब के मौके बनेंगे. इससे करीब 100,000 नौकरियां तुरंत जनरेट होंगी. डोनाल्ड ट्रंप के इस ऐलान से भारत को भी नौकरी के बड़े अवसर नजर आ रहे हैं. बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार इंडियन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अशोक चंद्रक का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से एआई के क्षेत्र में न सिर्फ यूएस की लीडरशिप मजबूत होगी, बल्कि इससे भारत के लिए भी कई अवसर पैदा होंगे. इससे यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा.