यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने इंटरेस्ट रेट 25 बेसिक प्वाइंट घटाया, जून में भी की थी कटौती
यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने इंफ्लेशन और आर्थिक विकास में गिरावट के कारण गुरुवार को फिर एक बार अपनी ब्याज दरों में कटौती की है. ईसीबी ने अपनी मॉनिटरी पॉलिसी रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की है.जून में भी इसी तरह की कटौती की गई थी.
यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने इंफ्लेशन और आर्थिक विकास में गिरावट के कारण गुरुवार को फिर एक बार अपनी ब्याज दरों में कटौती की है. ईसीबी ने अपनी मॉनिटरी पॉलिसी रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की है, जिसके बाद प्वाइंट 3.50 फीसदी रह गया है. जून में भी इसी तरह की कटौती की गई थी. आज बैंक ने अपनी बैठक में यह फैसला लिया. हालांकि, अर्थशास्त्रियों ने पहले ही इसका अनुमान लगाया था.
महंगाई के बाद आए डेटा के आधार पर लिया फैसला- ईसीबी
सेंट्रल बैंक की तरफ से जारी प्रेस नोट में कहा गया कि महंगाई को लेकर जो डेटा आया है. उसके बाद कमेटी ने यह फैसला किया है कि ब्याज दर में कटौती कर मॉनिटरी पॉलिसी को थोड़ा सरल किया जाए. 2024 के लिए महंगाई का अनुमान 2.5 प्रतिशत, 2025 के लिए 2.2 प्रतिशत और 2026 के लिए महंगाई का अनुमान 1.9 प्रतिशत लगाया गया है. यूरोपियन सेंट्रल बैंक 2 प्रतिशत की महंगाई दर को हासिल करने को लेकर चल रही है. इसी के चलते बैंक ने डिपॉजिट फेसिलिटी रेट में 25 बेसिक अंको की कटौती की है. इसके अलावा 2024 के लिए इकोनॉमिक ग्रोथ का अनुमान भी 0.9 फीसदी से कम करके 0.8 फीसदी कर दिया है. 2025 के लिए इसे 1.4 फीदसी से घटाकर 1.3 फीसदी कर दिया है.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, निवेशकों का ध्यान अब ईसीबी अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड की जीएमटी प्रेस कॉन्फ्रेंस पर है, जहं उनसे ब्याज दरों की कटौती के बारे में सवाल किया जाएगा. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि बैंक अक्टूबर में एक और कटौती के लिए दरवाजा खुला रखेगी, यह कहकर कि अगली बैठक सहित सभी बैठकें अभी एक्टिव हैं. ईसीबी ने एक बयान में कहा, “गवर्निंग काउंसिल प्रतिबंध के उचित स्तर और अवधि को निर्धारित करने के लिए डेटा-निर्भर और बैठक-दर-बैठक दृष्टिकोण का पालन करना जारी रखेगी” “गवर्निंग काउंसिल किसी विशेष रेट पथ के लिए पहले से प्रतिबद्ध नहीं है.
तकनीकी दर में कटौती
ईसीबी की जमा दर 25 आधार अंकों से गिरकर 3.5 फीसदी हो जाएगी. इसके अलावा तकनीकि रेट में भी कटौती की गई है. सितंबर 2019 में जब ईसीबी अपस्फीति के खतरे को टालने के लिए प्रयास कर रहा था तब दोनों ब्याज दरों के बीच का अंतर 50 बेसिक प्वॉइंट पर सेट किया गया था.