H-1B और OPT पर सख्ती की आशंका, अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों में चिंता बढ़ी
H-1B और OPT को लेकर सख्ती की आशंका से भारतीय छात्रों की चिंता बढ़ रही है. ऐसे में अगर इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव होते हैं, तो इससे अमेरिका में पढ़ाई करने और करियर बनाने के इच्छुक भारतीय छात्रों पर निगेटिव इम्पैक्ट पड़ सकता है.
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अमेरिका दशकों से भारतीय छात्रों के लिए पसंदीदा शिक्षा जगह रहा है. यहां उन्हें वैश्विक स्तर पर शिक्षा, करियर और एक बेहतर भविष्य मिलता है. लेकिन ट्रंप प्रशासन की सख्त इमिग्रेशन पॉलिसी के कारण आने वाले दिनों में कई भारतीय छात्र चिंतित हैं. क्योंकि अमेरिका में “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” (MAGA) लॉबी H-1B और OPT (Optional Practical Training) जैसी मेरिट-बेस्ड इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव की मांग कर रही है, जिससे अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की चिंता बढ़ गई है.
OPT प्रोग्राम पर असर
ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (Optional Practical Training) प्रोग्राम अमेरिका के मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले F-1 वीजा धारक छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिका में काम करने का अवसर देता है. फिलहाल यह प्रोग्राम जारी है, लेकिन इसमें संभावित बदलावों को लेकर छात्रों में चिंता बनी हुई है. ट्रंप प्रशासन लगातार अवैध प्रवासन के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है, हालांकि अभीतक इसका सीधा असर अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर नहीं पड़ा है. लेकिन कई छात्रों ने नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए अपनी पार्ट-टाइम नौकरियां छोड़ दी हैं. भारत अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा सोर्स है और यहां भारतीय छात्रों को बेहतरीन करियर अवसर मिलते हैं. ऐसे में इमिग्रेशन पॉलिसी में किसी भी बदलाव से भविष्य में अमेरिका जाने वाले भारतीय छात्रों के आवेदनों पर असर पड़ सकता है.
OPT प्रोग्राम क्या है?
OPT एक टेंपरेरी वर्क परमिट है, जो अमेरिकी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने वाले विदेशी छात्रों (F-1 वीजा धारकों) को अमेरिका में काम करने का अवसर देता है. यदि छात्र 90 दिनों के भीतर नौकरी पा लेते हैं, तो वे इस प्रोग्राम का लाभ उठा सकते हैं. इससे खासकर STEM (Science, Technology, Engineering, Mathematics) वाले छात्रों को 24 महीने का एक्सट्रा एक्सटेंशन भी मिलता है, जिससे उनका कार्यकाल कुल 36 महीने तक हो जाती है.
OPT में बदलाव का प्रभाव
कैरियर मोजेक की ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर मनीषा जावेरी ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि, “पढ़ाई के बाद काम के अवसर छात्रों के निर्णय को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों में से एक हैं. ये अवसर करियर को संवारने और अंतरराष्ट्रीय शिक्षा की उच्च लागत को कवर करने में मदद करते हैं.”
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OPT प्रोग्राम में बदलाव से हो सकते है ये प्रभाव
STEM छात्रों पर असर – वर्तमान में इन्हें 36 महीने तक OPT का लाभ मिलता है. अगर इसमें कटौती होती है, तो उनकी फ्यूचर के करियर प्लानिंग पर असर पड़ेगा.
गैर-STEM छात्रों पर असर – जो छात्र केवल 12 महीने के OPT पर निर्भर हैं, उनके लिए चुनौतियां और बढ़ सकती हैं.
ओपन डोर्स रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका में भारतीय छात्रों के नए आवेदनों की संख्या स्थिर रही, लेकिन OPT प्लेसमेंट पर असर पड़ा.
- 2018-19 में भारतीय छात्रों के आवेदनों की संख्या 2,02,014 थी, जो 2020-21 में घटकर 1,67,752 रह गई.
- 2018-19 में भारतीय छात्रों को मिले OPT प्लेसमेंट 84,630 थे, जो घटकर 73,601 रह गए.
- 2016-17 में 57,132 भारतीय छात्रों को OPT मिला था, जबकि 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 97,556 हो गई.
- 2020-21 में कोविड-19 के कारण अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या घटकर 1.67 लाख हो गई थी, लेकिन उसके बाद इसमें तेजी से बढोतरी हुई.
- 2023-24 में सबसे अधिक भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ रहे हैं, और सबसे ज्यादा लोगों को OPT मिला है.