इस नदी में मिला 80 हजार करोड़ का सोना, पाकिस्तान के लिए साबित होगी संजीवनी; जानें भारत से कनेक्शन
सिंधु नदी का इतिहास बहुत पुराना है, और यह भारत से गुजरते हुए पाकिस्तान में प्रवेश करती है. पाकिस्तान के लिए यह नदी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उसकी कई जरूरतें पूरी होती हैं. इस नदी में 80 हजार करोड़ रुपये का सोना मिलने की बात कही जा रही है. अगर ऐसा होता है, तो यह पाकिस्तान के लिए बेहद अहम साबित होगा. पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गई है.
Pakistan Discover Gold: पाकिस्तान पिछले कुछ समय से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. अपने खर्चों को चलाने के लिए उसकी लोन पर निर्भरता बढ़ गई है. हालात यह हैं कि पाकिस्तान को अपने लोन रिपेमेंट के लिए नए लोन की जरूरत पड़ रही है. जरूरी वस्तुओं की कीमतें भी आसमान छू रही हैं. लेकिन इन सबके बीच पाकिस्तान में सोने का भंडार मिलने की खबर आई है. पाकिस्तान सरकार इसकी खुदाई करवाने और सोना निकालने पर विचार कर रही है. यह सोना सिंधु नदी के किनारे मिला है. तो चलिए जानते हैं कि पाकिस्तान में कितना सोना मिला है और सिंधु नदी का भारत से क्या कनेक्शन है.
पाकिस्तान में मिला 80 हजार करोड़ रुपये का सोना
रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान की सिंधु नदी में बड़े पैमाने पर सोने का भंडार मिला है. इस सोने की कीमत 80 हजार करोड़ रुपये बताई जा रही है. अगर ऐसा होता है तो यह पाकिस्तान के लिए संजीवनी का काम करेगा. बताया जा रहा है कि यह सोना भारत से करीब 400 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के अटक जिले में मिला है.
नीलामी की हो रही तैयारी
Dawn News के मुताबिक, सिंधु नदी के किनारे बसे अटक जिले में जमा हुए खनिज गोल्ड ब्लॉक्स की नीलामी की तैयारी की जा रही है. भूवैज्ञानिकों का कहना है कि यह सोना सिंधु नदी के जरिए बहकर पाकिस्तान में जमा हुआ है.
सिंधु नदी का भारत से कनेक्शन
सिंधु नदी का इतिहास हजारों साल पुराना है. माना जाता है कि ‘हिंदुस्तान’ नाम भी सिंधु नदी की वजह से पड़ा था. आजादी से पहले यह इलाका भारत का हिस्सा था. सिकंदर भी सिंधु नदी से आगे नहीं बढ़ पाया था. माना जाता है कि सिंधु नदी का उद्गम स्थल तिब्बत के मानसरोवर के निकट ‘सिन-का-बाब’ नामक जलधारा से है.
यह भारत के लद्दाख क्षेत्र से होकर गुजरती है, फिर पीओके और अटक की तरफ जाती है. इसकी कई सहायक नदियां भी हैं. पाकिस्तान के लिए यह नदी काफी अहम है, और इसके ज्यादातर पानी पर पाकिस्तान का कब्जा है.