इस देश में 260 रुपए में मिल रहा है घर, जानें विदेशियों पर क्यों मेहरबान है सरकार

सांबुका डि सिसिलिया के मेयर ग्यूसेप कैसिओपो का कहना है कि सस्ते में बेची जा रहीं इमारतें काफी पुरानी और जर्जर हो चुकी हैं. उनमें रहने वाला भी कोई नहीं है. लेकिन इसके बावजूद भी वे दिखने में सुन्दर लगते हैं. क्योंकि कुछ घरों में आंगन और लोहे की बालकनी हैं.

सस्ते में बेची जा रहीं इमारतें काफी पुरानी और जर्जर हो चुकी हैं. (सांकेतिक फोटो) Image Credit: Freepik

हर किसी का सपना होता है कि उसके पास एक सुन्दर सा घर हो. वह इसके लिए लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों रुपये खर्च करने को तैयार हो जाता है. लेकिन जब आपको कुछ रुपये में घर मिल जाए तो कैसा लगेगा. आप खुशी के मारे उछल जाएंगे. भले ही सुनने में आपको अटपटा लग लगे, लेकिन इटली में हकीकत में ऐसा हो रहा है. वहां की सरकार खाली पड़े पुराने घरों को कौड़ियों के भाव में बेच रही है. इसके बावजूद भी खरीदार नहीं मिल रहे हैं.

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इटली के सांबुका शहर में दुनिया के सबसे सस्ते घरों की बिक्री हो रही है. यह शहर 2019 में तब चर्चा में आया जब इसने अपने कुछ पुराने खाली पड़े घरों की नीलामी शुरू की, जिसकी बोली 1 डॉलर से शुरू हुई. इसी तरह 5 साल बाद 2024 में अब फिर ऐसे ही खाली पड़े घरों की नीलामी हो रही है, जिनकी बोली करीब 255 रुपये (3 डॉलर) से शुरू हो रही. खास बात यह है कि अपने सस्ते घरों की बिक्री के चलते इटली का यह शहर पर्यटकों के बीच काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. इसके चलते यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.

टैक्स में मिलती है छूट

सिसिली के दक्षिणी द्वीप के बीचों-बीच स्थित एक छोटा सा शहर बिवोना भी है. यहां की भी स्थानीय सरकार ने खाली और वीरान पड़े घरों की बिक्री करने का फैसला लिया है. खास बात यह है कि उसने एक डॉलर से ज़्यादा का भुगतान करने वाले किसी भी व्यक्ति को टैक्स में रिबेट देने की बात कही है. हालांकि, कई घर खरीदारों को विश्वास नहीं हुआ. उन्हें संदेह हो रहा था कि भला इतने सस्ते में कोई अपना घर कैस बेच सकता है. उन खरीदारों में से एक अमेरिका की एलेक्जेंड्रा स्टब्स भी हैं, जिन्हें यह सुनकर थोड़ी घबराहट हुई कि उनके एक दोस्त ने एक डॉलर में ऐसा ही एक घर खरीदा है. लेकिन अंत में एलेक्जेंड्रा ने भी इतने सस्ते दो घर खरीद लिए.

सांबुका डि सिसिलिया के मेयर ग्यूसेप कैसिओपो का कहना है कि सस्ते में बेची जा रहीं इमारतें काफी पुरानी और जर्जर हो चुकी हैं. उनमें रहने वाला भी कोई नहीं है. लेकिन इसके बावजूद भी वे दिखने में सुन्दर लगते हैं. क्योंकि कुछ घरों में आंगन और लोहे की बालकनी हैं. ये अक्सर जुड़े हुए घर होते हैं, जिसका मतलब है कि इन्हें एक बड़ी संपत्ति में विस्तारित किया जा सकता है.

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ऊंची बोली लगाने वाले को बेचा जाता है

ग्यूसेप कैसिओपो के मुताबिक, घरों की नीलामी की जाती है और सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को बेचा जात है. जीतने वाली बोली को जज के सामने खोला जाता है. वहीं, भाग लेने के लिए, बोली लगाने वालों को लगभग $5,399 (लगभग 4.5 लाख रुपये) की जमा राशि देनी होती है, जो बोली लगाने वाले के जीतने पर शुरुआती जमा राशि बन जाती है और न जीतने पर वापस कर दी जाती है.

रेनोवेशन पर खर्च किए 3 करोड़ रुपये

खास बात यह है कि खरीदारों को अपने घर पर रेनोवेशन का काम खरीदने के तीन साल के भीतर पूरा करना होता है, नहीं उन्हें अपनी जमा राशि खोनी पड़ेगी या खोने का जोखिम उठाना पड़ेगा. इन घरों की खरीदरों में से शिकागो की एक वित्तीय सलाहकार मेरेडिथ टैबोन भी हैं. उन्होंने भी इस शहर में दो घर खरीदे हैं. हालांकि, उन्होंने तीन साल में रेनोवेशन पूरा करने के लिए 3.8 करोड़ रुपये खर्च किए. इनका कहना है कि मैंने अपने जीवन में कभी इस तरह का रेनोवेशन नहीं किया है.

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