इस मामले में भारत ने गाढ़ा झंडा, 11 पायदान की छलांग लगाकर 133 देशों की सूची में टॉप देशों में शामिल
दुनिया के 133 देशों के टेलीकॉम और इंटरनेट के नेटवर्क की ताकत को मापने वाले इस इंडेक्स को अमेरिका के पोर्टुलन्स इंस्टीट्यूट की तरफ से जारी किया जाता है. 2024 के इंडेक्स में भारत ने 11 पायदान की जबरदस्त छलांग लगाई है. जानते हैं क्या हैं इसके मायने.
अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डीसी स्थिति एक एनजीओ व शिक्षण संस्थान पोर्टुलन्स इंस्टीट्यूट ने 2024 के लिए नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स जारी कर दिया है. इस इंडेक्स के जरिये दुनिया के तमाम देशों के टेलीकॉम और इंटरनेट नेटवर्क की मजबूती का पता चलता है. इस साल 21 नवंबर को जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स (एनआरआई) में 11 पायदान की छलांग लगाई है. रिपोर्ट के मुताबिक इस बार इंडेक्स में 133 देशों को शामिल किया गया है.
इन पहलुओं पर मापा गया
रिपोर्ट में बताया गया है कि इन देशों को मोटे तौर पर चार पहलुओं पर मापा गया है. इनमें टेक्नोलॉजी, यूजर्स, गवर्नेंस और इंपेक्ट शामिल हैं. मोटे तौर पर ये चारों आपस में जुड़े हुए हैं. इस इंडेक्स में शामिल देशों को वहां उपलब्ध टेलीकॉम और इंटरनेट की टेक्नोलॉजी, इस्तेमाल करने वाले लोगों संख्या, सरकार की नीतियों और लोगों के जीवन पर नेटवर्क के असर के आधार पर मापा गया है. अगर इस इंडेक्स को निम्न-मध्यम आय वाले देशों के समूह के लिहाज से देखें, भारत ने वियतनाम के बाद दुनिया में दूसरा स्थान हासिल किया है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन और डिजिटल परिवर्तन मजबूती हासिल की है.
भारत ने लगाई ऊंची छलांग
रिपोर्ट में बताया गया है कि का सुधार किया है एनआरआई 2023 की रिपोर्ट में भारत को 60 वें स्थान मिला था. इस साल भारत ने 11 स्थानों की ऊंची छलांग लगाते हुए 2024 में 49वां स्थान हासिल किया है. रिपोर्ट में चार पहलुओं के तहत कुल 54 मापदंडों के आधार पर 133 देशों को परखा जाता है. भारत ने इन तमाम मापदंडों पर अपने स्कोर में बड़ा सुधार किया है. 2023 में भारत का स्कोर को 49.93 था, जो अब 53.63 हो गया है.
इन मामलों में दुनिया में टॉप पर भारत
रिपोर्ट में बाताया गया है कि भारत कई मामलों में दुनिया में सबसे ऊपर है. रिपोर्ट के मुताबिक रत ने एआई साइंटिफिक पब्लिकेशन, एआई टेलेंट डेंसिटी, और आईसीटी सेवा निर्यात में पहला स्थान हासिल किया है. इसके अलावा एफटीटीएच, बिल्डिंग इंटरनेट सब्सक्रिप्शन, मोबाइल ब्रॉडबैंड इंटरनेट ट्रैफिक और इंटरनेशनल इंटरनेट बैंडविड्थ दूसरा स्थान हासिल किया है. घरेलू बाजार के मामले में भारत ने तीसरा स्थान हासिल किया है. इसके अलावा दूरसंचार सेवाओं में निवेश के लिहाज से भारत ने चौथा स्थान हासिल किया है .
एक दशक में हुए तीव्र बदलाव
एनआरआई 2024 में बताया गया है कि इस इंडेक्स में भारत के बढ़ते प्रभाव के पीछे पिछले एक दशक में टेलीकॉम डिपार्टमेंट की तरफ से बनाई गई मजबूत बुनियाद है. पिछले दशक में भारत में टेलीकॉम डेंसिटी 75.2 फीसदी से बढ़कर 84.69 फीसदी हो गई है. इसके अलावा वायरलेस कनेक्शन 119 करोड़ हो गए हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी ब्रॉडबैंड की पहुंच
पिछले एक दशक में भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड की पहुंच तेजी से बढ़ी है. इस मामले में भारत ने पूरी दुनिया के लिए मिसाल कायम की है. नतीजतन, भारत में इंटरनेट ग्राहकों की संख्या 25.1 करोड़ से बढ़कर 94.4 करोड़ हो गई है है.
मोबाइल इंटरनेट में भी टॉपर
भारत में 2022 में 5G सेवाएं शुरू की गईं. इसके बाद से भारत मोबाइल इंटरनेट की स्पीड के मामले में भी दुनिया के टॉपर देशों में शामिल है. मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड रैंकिंग में भारत दुनिया में 118 से बढ़कर 15वें स्थान पर पहुंच गया है.