News9 Global Summit: दुनिया के लिए फैक्ट्री बनेगा भारत! PM मोदी ने कैसे डाली मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में जान?
न्यूज9 ग्लोबल समिट: "मैन्युफैक्चरिंग का जादू (mojo) भारत में कुछ समय से गायब था. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इन कमियों को दूर करके भारतीय मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में फिर से उत्साह लाने का काम किया है."
जर्मनी में जारी News9 Global Summit में ग्लोबल स्पलाई चेन में डाइवर्सिफिकेशन लाने के लिए मेक इन इंडिया और चीन+1 स्ट्रेटेजी पर गहन चर्चा हुई. इस पहल में भारत को ग्लोबल फैक्ट्री का केंद्र बनाने पर जोर दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समिट में विकसित भारत पर अपने विचार रखते हुए संबोधित करेंगे.
भारत को ‘प्रोडक्ट नेशन’ बनाने का मंत्र
इस चर्चा में शामिल हुए भारत फोर्ज के चेयरपर्सन बाबा कल्याणी ने “India: The Next Factory of the World” सेशन के दौरान जर्मनी का उदाहरण देते हुए कहा कि यह देश निर्माण, फोर्जिंग और इंजीनियरिंग में स्पेशलाइज्ड है. जर्मनी कारों से लेकर मशीन टूल्स और उपकरण निर्माण तक हर क्षेत्र में एक आदर्श उदाहरण है.
उन्होंने कहा कि भारत में महत्वाकांक्षा, संसाधनों की उपलब्धता और बढ़ता बाजार जैसे सभी जरूरी फैक्टर हैं, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग का जादू (mojo) कुछ समय से गायब था. प्रधानमंत्री मोदी ने इन कमियों को दूर करके भारतीय मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में फिर से उत्साह लाने का काम किया है.
मेक इन इंडिया और एक्सपोर्ट
मारुति सुजुकी के एक्सीक्यूटिव डायरेक्टर राहुल भारती ने कहा कि उनकी कंपनी अगले 10 सालों में 9 गुना वृद्धि का टारगेट बना रही है. उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट मार्केट में विस्तार करना भारतीय कंपनियों के लिए एक बड़ी संभावना है. मैन्युफैक्चरिंग को सही तरीके से पहचानने से भारत एक विकासशील देश से विकसित देश बन सकता है.
इंफ्रा और लागत पर ध्यान
एसोचैम के अध्यक्ष संजय नायर ने मेक इन इंडिया की राह में लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी और बिजली की लागत को चुनौतियां बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने इन पहलुओं पर ध्यान दिया है, खासतौर से पीएम गति शक्ति योजना के जरिए, जो भारत को एक प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग केंद्र में बदलने में मदद करेगी. उन्होंने इस बदलाव के प्रति पॉजिटिल रुख रखा.
मर्सिडीज बेंज का भारत में प्रोडक्शन बढ़ाने का टारगेट
मर्सिडीज बेंज ग्रुप के बोर्ड सदस्य जोर्ग बुरेर ने कहा कि कंपनी भारत में डॉमेस्टिक बाजार के लिए प्रोडक्शन बढ़ाने और फिर धीरे-धीरे एक्सपोर्ट के लिए प्रोडक्शन का विस्तार करने की योजना बना रही है. यह मॉडल पहले अमेरिका, चीन और दक्षिण अफ्रीका में सफलता से लागू किया जा चुका है.