भारत रुकवा सकता है युक्रेन-रूस वॉर, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी का बड़ा दावा

इटली की प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा भारत, ब्राजील और चीन को संभावित मध्यस्थों के रूप में नामित करने के दो दिन बाद आई है, जो संघर्ष सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

पीएम मोदी और जॉर्जिया मेलोनी Image Credit: Sonu Mehta/HT via Getty Images

पिछले 2 साल से अधिक समय से रूस-यूक्रेन के बीच संघर्ष जारी है. अक्सर यह चर्चा जोर पकड़ती है कि भारत यूक्रेन-रूस युद्ध में शांति का प्रकाशस्तंभ बन सकता है, क्योंकि भारत के संबंध यूक्रेन और रूस दोनों से अच्छे हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन और रूस दोनों देशों का दौरा किया है. भारत की मध्यस्थता की वकालत कई देशों के राजनेताओं ने भी की है. इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने शनिवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ बातचीत के बाद कहा कि भारत और चीन यूक्रेन में चल रहे संघर्ष का समाधान खोजने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.

उत्तरी इटली के सेर्नोबियो शहर में इटली की प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा भारत, ब्राजील और चीन को संभावित मध्यस्थों के रूप में नामित करने के दो दिन बाद आई है, जो संघर्ष सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. इटैलियन मीडिया में मेलोनी के हवाले से कहा गया है कि इस संघर्ष को सुलझाने में चीन और भारत को भूमिका निभानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि यह सोचना गलत होगा कि यूक्रेन को उसके भाग्य पर छोड़ देने से संघर्ष का समाधान हो जाएगा. मेलोनी ने यूक्रेन के प्रति अपनी सरकार के पूर्ण समर्थन की पुष्टि करते हुए कहा कि कीव को समर्थन देने का निर्णय इटली के राष्ट्रीय हित के अनुरूप है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा.

5 सितंबर को पुतिन ने रूसी शहर व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम के मंच पर कहा कि वह यूक्रेन संघर्ष पर भारत, ब्राजील और चीन के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि सबसे पहले मैं चाइनीज पीपल्स रिपब्लिक, ब्राजील और भारत के अपने साझेदारों के संपर्क में हूं और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारे बीच विश्वास और भरोसे का संबंध है.

वे वास्तव में इसमें रुचि लेंगे और मदद करेंगे. यह टिप्पणी उन संभावित देशों के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में थी, जो रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन की यात्रा पर थे, जो 1991 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा थी. यह यात्रा मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के छह सप्ताह बाद हुई थी.

इस दौरान मोदी ने जेलेंस्की से कहा था कि यूक्रेन और रूस को बिना समय गंवाए साथ बैठकर चल रहे युद्ध को समाप्त करना चाहिए. भारत क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है. इस दौरान मोदी ने कहा था कि भारत युद्ध की शुरुआत से ही शांति के पक्ष में रहा है और वह इस संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए व्यक्तिगत रूप से योगदान देना चाहेंगे.