News9 Global Summit: PM मोदी बोले, भारत में जर्मनी की 1800 कंपनियां, दोनों देशों के मजबूत रिश्ते का आईना है
News9 Global Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक भाषण देते हुए भारत और जर्मनी के बीच बढ़ती साझेदारी को 'नए युग की शुरुआत' बताया.
TV9 ग्रुप ने जर्मनी में आयोजित किया News9 Global Summit में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की, उन्होंने ‘फोकस ऑन इंडिया’ डॉक्यूमेंट जारी किया. समिट में उन्होंने भारत और जर्मनी के रिश्तों पर भी प्रकाश डाला और साथ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में जर्मनी की 1800 कंपनियां, दोनों देशों के मजबूत रिश्ते का आईना है.
जर्मनी और भारत
प्रधानमंत्री ने जर्मनी को भारत का ‘भरोसेमंद साझेदार’ बताते हुए कहा कि वर्तमान समय में जर्मनी की 1800 से अधिक कंपनियां भारत में काम कर रही है. इसके अलावा, लगभग 3 लाख भारतीय जर्मनी में रहते हैं और 50,000 छात्र जर्मन विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि जर्मनी के ‘फोकस ऑन इंडिया’ डॉक्यूमेंट ने यह प्रमाणित किया है कि दुनिया भारत को एक ‘स्ट्रैटेजिक और टेक्नोलॉजिकल हब’ के रूप में देख रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक भाषण देते हुए भारत और जर्मनी के बीच बढ़ती साझेदारी को ‘नए युग की शुरुआत’ बताया. उन्होंने इंडो-जर्मन पार्टनरशिप की प्रासंगिकता और इसकी व्यापक संभावनाओं पर चर्चा की. यह भाषण एक ऐसे समय में आया है जब दोनों देश आर्थिक, तकनीकी और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग के लिए नई ऊंचाइयों को छूने की ओर अग्रसर हैं.
इंडो-जर्मन साझेदारी का नया अध्याय
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “इंडो-जर्मन पार्टनरशिप में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है.” उन्होंने इस साझेदारी को दोनों देशों की जिम्मेदार और लॉन्गटर्म सहभागिता का प्रतीक बताया. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस साझेदारी के 25 साल पूरे हो चुके हैं, जो इस रिश्ते की ऐतिहासिक और स्थिर प्रकृति को दर्शाता है.
उन्होंने बताया कि जर्मनी यूरोप का पहला देश था जिसने भारतीय भाषाओं, जैसे तेलुगु और तमिल में पुस्तकें प्रकाशित की थीं. उन्होंने कहा, “हमारा सांस्कृतिक रिश्ता शताब्दियों पुराना है. यूरोप की पहली संस्कृत ग्रामर एक जर्मन विद्वान ने लिखी थी.”
जर्मन कंपनियों को भारत में निवेश का आमंत्रण
प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मन कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा, “जो जर्मन कंपनियां अब तक भारत में नहीं आई हैं, मैं उन्हें भारत आने का आमंत्रण देता हूं.” उन्होंने भारत की नीतियों और व्यापारिक माहौल की स्थिरता पर भी जोर दिया.