IRAN-ISREAL के झगड़े का तनाव छोड़ हरे निशान में US के बेंचमार्क इंडेक्स, भारतीय बाजार भी होगा गुलजार?
ईरान की तरफ से इस्राइल पर किए गए हमले के बाद भले ही कच्चे तेल की कीमतों बड़ा स्पाइक देखने को मिला, लेकिन अमेरिकी बाजार के तीनों बेंचमार्क इंडेक्स बुधवार को क्लोजिंग से 1 घंटे पहले तक हरे निशान में कारोबार करते दिखे. देखना यह होगा कि क्या अमेरिकी बाजार की यह बेफिक्री भारतीय बाजार में भी नजर आएगी?
पश्चिम एशिया में जारी तनाव के चलते जहां दुनियाभर में तीसरे विश्व युद्ध की आशंकाएं गहरा रही हैं. वहीं, अमेरिका के बेंचमार्क इंडेक्स डो जोन्स, नैस्डैक और एसएंडपी 500 बुधवार को हरे निशान में कारोबार करते दिखे. भारतीय समय के मुताबिक बुधवार रात 11:45 बजे डो जोन्स करीब 0.15% यानी 63.12 अंक बढ़कर 42,220.09 अंक पर हरे निशान में दिखा. इसी तरह एसएंडपी 500 भी 0.05 की बढ़त के साथ 5,710.17 अंक पर और नैस्डैक 0.26% की बढ़त के साथ 17,956.88 अंक पर कारोबार करता दिखा.
मोटे तौर पर अमेरिकी बाजारों में पश्चिम एशिया की तनावपूर्ण स्थिति का खास असर नहीं दिखा. हालांकि, अमेरिका के कई प्रमुख बंदरगाहों पर हड़ताल की वजह से जरूर अमेरिका में चिंता बढ़ रही है. रॉयटर की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में 50,000 से ज्यादा पोर्टवर्कर हड़ताल पर हैं. 1977 के बाद अमेरिका में यह सबसे बड़ी हड़ताल मानी जा रही है. हड़ताल अगर लंबी चलती है, तो इससे अमेरिका के कुल आयात का करीब 40 फीसदी हिस्सा प्रभावित हो सकता है. एक अनुमान के मुताबिक हड़ताल से अमेरिका को हर रोज 500 करोड़ डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो रहा है. हालांकि, इस हड़ताल का किसी बाहरी कारण से कोई संबंध नहीं है. बल्कि, इसके पीछे पोर्ट वर्कर्स की संस्था आईएलए और यूनाइटेड स्टेट्स मैरिटाइम अलायंस बीच कॉन्ट्रैक्ट डील नहीं होना है.
मंगलवार को कच्चे तेल की कीमतों में जहां बड़ा उछाल देखा गया, वहीं बुधवार को दामों में फिर से स्थिरता नजर आई और ब्रेंट क्रूड की कीमत 73 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी रही. वहीं, भारतीय बास्केट में भी कच्चे तेल की कीमत 73 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी रही. इसके अलावा बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार मे गोल्ड की कीमत 2,660 डॉलर प्रति औंस के आसपास रही. यह रिकॉर्ड स्तर के करीब है. सोने और कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी को ईरान-इजरायल के संघर्ष ने बल दिया है.