कर्ज के लिए पाकिस्तान ने अपनों को ही मुसीबत में डाला, अब डेढ़ लाख लोगों पर टूट पड़ेगी आफत
पाकिस्तान ने यह कदम इसलिए उठाया है, ताकी इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) से 7 बिलियन डॉलर का लोन हासिल किया जा सके. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान कई वर्षों से अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए संघर्ष कर रहा है और 2023 में यह डिफॉल्ट के करीब था.
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अपने प्रशासनिक खर्च को कम करने के लिए करीब 1.5 लाख सरकारी नौकरियों में कटौती का ऐलान किया है. साथ ही 6 मंत्रालयों को बंद करने की भी घोषणा की है और दो अन्य मंत्रालयों का विलय कर दिया है. पाकिस्तान ने यह कदम इसलिए उठाया है, ताकी इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) से 7 बिलियन डॉलर का लोन हासिल किया जा सके. पीटीआई के अनुसार, IMF ने 26 सितंबर को सहायता पैकेज पर सहमति जताई थी और पहले चरण के रूप में 1 अरब डॉलर भी जारी किए थे.
कर्ज के लिए पाकिस्तान ने किया था वादा
राहत पैकेज के लिए पाकिस्तान ने खर्च कम करने, टैक्स-जीडीपी रेश्यो बढ़ाने, कृषि और रियल एस्टेट जैसे गैर-पारंपरिक क्षेत्रों पर टैक्स लगाने, सब्सिडी सीमित करने और कुछ राजकोषीय जिम्मेदारियों को प्रांतों को ट्रांसफर करने का वादा किया था. रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने अमेरिका से लौटने के बाद कहा कि आईएमएफ के साथ एक प्रोग्राम को फाइनल दिया गया है, जो पाकिस्तान के लिए अंतिम प्रोग्राम होगा.
दो मंत्रालयों का होगा विलय
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मुहम्मद औरंगजेब ने कहा कि हमें अपनी नीतियों को इस तरह लागू करना होगा कि यह साबित हो जाए कि यह अंतिम कार्यक्रम होगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि G-20 देशों में शामिल होने के लिए देश की अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाना होगा. मंत्री ने मंत्रालयों के आकार को सही करने की बात कही और छह मंत्रालयों को बंद करने का निर्णय लागू किया जाना तय है, जबकि दो मंत्रालयों का विलय किया जाएगा. एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार औरंगजेब ने कहा कि इसके अलावा, विभिन्न मंत्रालयों में 1,50,000 पद समाप्त किए जाएंगे.
नए टैक्सपेयर्स
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष लगभग 3 लाख नए टैक्सपेयर्स थे और इस वर्ष अब तक 7.32 लाख नए टैक्सपेयर्स रजिस्टर्ड हुए हैं, जिससे टैक्सपेयर्स की कुल संख्या 1.6 मिलियन से बढ़कर 3.2 मिलियन हो गई है. मंत्री ने यह भी दावा किया कि अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है और देश का विदेशी मुद्रा भंडार अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया हैृ. रिपोर्ट के अनुसार औरंगजेब ने देश के निर्यात और आईटी निर्यात में बढ़ोतरी पर प्रकाश डाला और कहा कि अर्थव्यवस्था की मजबूती से जुड़ा निवेशकों का भरोसा बड़ी सफलता है.
आर्थिक हालात सुधारने की कोशिश
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान कई वर्षों से अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए संघर्ष कर रहा है और 2023 में यह डिफॉल्ट के करीब था, लेकिन आईएमएफ द्वारा समय पर दिए गए 3 बिलियन डॉलर के लोन ने स्थिति को बचा लिया. रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ के साथ पाकिस्तान का समझौता इस उम्मीद के साथ हुआ है कि यह अंतिम लोन है, हालांकि कई लोगों को संदेह है कि देश ने पहले ही फंड से लगभग दो दर्जन कर्ज हासिल कर लिए हैं, लेकिन स्थायी आधार पर अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने की उसकी कोशिश नहीं नजर आई है.