अमेरिका में रह रहे 725000 भारतीयों के थर-थर कांप रहे पैर, ठंड नहीं ये है वजह
H-1B वीज़ा कैटेगरी में सबसे ज़्यादा संख्या में भारतीय हैं, जो ट्रम्प की आव्रजन नीतियों के प्रभाव को भी महसूस कर सकते हैं. 2023 में, जारी या अपडेट किए गए 386,000 H-1B वीज़ा में से 72 फीसदी भारतीय नागरिकों के पास थे, जो 2022 में स्वीकृत 320,000 वीज़ा में से 77 फीसदी से थोड़ी कम है.
अमेरिका में रह रहे 725,000 भारतीयों सहित 14 मिलियन अवैध अप्रवासियों की कपकपी बढ़ गई है. ये कपकपी ठंड से नहीं, ब्लकि डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से बढ़ी है. क्योंकि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान वादा किया था कि सत्ता में आने पर अमेरिका से अवैध अप्रवासी को बाहर का सास्ता दिखाया जाएगा. वहीं, 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रंप ने अवैध अप्रवासियों को अमेरिका से बाहर निकालने का आक्रामक संकेत दे दिया. उनके इस संकेत से अब कई भारतीय प्रवासी अपनी सुरक्षा के लिए वकीलों से संपर्क कर रहे हैं.
2024 प्यू रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, मैक्सिकन और साल्वाडोर के बाद भारतीय, अमेरिका में अवैध अप्रवासियों का तीसरा सबसे बड़ा समूह है. अमेरिका ने वित्तीय वर्ष 2024 में 1,500 भारतीयों को निर्वासित किया. अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) ने वित्तीय वर्ष 2024 में भारत सहित 192 देशों में 270,000 से अधिक अप्रवासियों को निर्वासित किया, जो 2014 के बाद से निर्वासन का उच्चतम स्तर है. निर्वासित लोगों में 1,529 भारतीय थे.
आपातकाल घोषित किया
20 जनवरी को कैपिटल रोटुंडा में अपने शपथ ग्रहण भाषण में, ट्रम्प ने अवैध आव्रजन का मुकाबला करने के उद्देश्य से व्यापक कार्यकारी आदेशों की एक सीरिज की रूपरेखा तैयार की. उन्होंने इसे राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया. ट्रम्प ने कहा कि मेरे सबसे महत्वपूर्ण दायित्वों में से एक अमेरिकी लोगों को गैरकानूनी सामूहिक प्रवास और पुनर्वास के विनाशकारी प्रभावों से बचाना है. मेरा प्रशासन संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध विदेशियों की इस बढ़ती संख्या को रोकने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों को जुटाएगा.
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फ्लोरिडा में 400000 अप्रवासी
अवैध अप्रवासी फ्लोरिडा, टेक्सास, न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी में सबसे ज्यादा हैं. खास बात यह है कि इनमें से अकेले फ्लोरिडा में 400,000 अप्रवासी हैं. एक नए नियम के तहत अमेरिकी सीमा अधिकारियों ने जो बाइडेन के ‘वन एंट्री’ कार्यक्रम को समाप्त कर दिया है, जिसने हजारों प्रवासियों को ऐप-आधारित नियुक्ति प्रणाली के माध्यम से प्रवेश की अनुमति दी थी. कार्यक्रम के तहत सभी मौजूदा नियुक्तियां रद्द कर दी गई हैं.
अनुमानों से पता चलता है कि अमेरिका में 11 से 14 मिलियन अवैध अप्रवासी हैं, हालांकि ट्रंप ने दावा किया है कि यह संख्या 20 से 25 मिलियन के करीब है. उनके प्रशासन ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले 655,000 व्यक्तियों और 1.4 मिलियन ऐसे लोगों को निर्वासित करने को प्राथमिकता दी है जिन्हें पहले ही निर्वासन आदेश मिल चुके हैं.
कॉलेज जाने वाले बच्चे भी डरे
अमेरिका में स्कूल जाने वाले बच्चे और कॉलेज जाने वाले अप्रवासी आबादी भी डरी हुई है कि ट्रंप के शासन में उनके लिए क्या होगा. वहीं, ट्रम्प की वापसी के बाद अमेरिका में न केवल बिना दस्तावेज़ वाले भारतीय, बल्कि अमेरिका में H-1B जैसे अस्थायी वीज़ा पर रहने वाले लोग भी चिंता में हैं.
क्या होता है H-1B वीज़ा
H-1B वीज़ा कैटेगरी में सबसे ज़्यादा संख्या में भारतीय हैं, जो ट्रम्प की आव्रजन नीतियों के प्रभाव को भी महसूस कर सकते हैं. 2023 में, जारी या अपडेट किए गए 386,000 H-1B वीज़ा में से 72 फीसदी भारतीय नागरिकों के पास थे, जो 2022 में स्वीकृत 320,000 वीज़ा में से 77 फीसदी से थोड़ी कम है. बिना दस्तावेज़ वाले अप्रवासियों और वैध वीज़ा कैटेगरी दोनों पर ट्रम्प की कार्रवाई से उन लोगों के लिए आगे की राह चुनौतीपूर्ण होने का संकेत मिलता है जो अमेरिका में काम करना या रहना चाहते हैं.
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