पैंक्रियाटिक कैंसर पीड़ितों के लिए आई RNA वैक्सीन, इम्यूनोथेरेपी के मोर्चे पर बड़ी कामयाबी

दुनियाभर में कैंसर के सबसे घातक रूपों में शामिल Pancreatic cancer के खिलाफ नियोएंटीजन बेस्ड RNA वैक्सीन ने उम्मीद जगाई है. खासतौर पर यह कैंसर पीड़ितों को दी जाने वाली इम्यूनोथेरेपी के लिहाज से बहुत बड़ा ब्रेकथ्रू है.

यह वैक्सीन रोगियों की प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाती है Image Credit: freepik

Pancreatic Cancer दुनिया की सबसे जानलेवा बीमारियों में से एक है. दूसरे कैंसरों की तुलना में इसे समय पर डिटेक्ट कर पाना काफी मुश्किल होता है. यही वजह है कि डायग्नोसिस के बाद इससे पीड़ित सिर्फ 10 फीसदी लोग ही जीवित रह पाते हैं. लेकिन, रिसर्च जर्नल Nature में प्रकाशित एक अध्ययन में सामने आया है कि पर्सनलाइज्ड नियोएंटीजन बेस्ड RNA वैक्सीन पैंक्रियाटिक कैंसर पीड़ितों के लिए गेम चेंजर हो सकती है.

नेचर शोध पत्रिका में छपे अध्ययन में बताया गया है कि अलग-अलग लोगों के इम्यून सिस्टम के मुताबिक नियोएंटीजन पर आधारित RNA वैक्सीन तैयारी की गई है. यह पैंक्रियाटिक यानी अग्नाशय के कैंसर के रोगियों के इम्यून रेस्पांस को मजबूती देती है. इस तरह कैंसर पीड़ितों को दी जाने वाली इम्यूनोथेरेपी के लिहाज से यह बड़ी कामयाबी है.

क्या बताया गया है कि शोध में?

शोध में सामने आया है कि यह वैक्सीन CD8+ T cell प्रतिक्रिया को लंबे समय तक बनाए रखती है, जो कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने के लिए जरूरी है. इस तरह से ये रोगी को कैंसर से लड़ने के लिए उसके शरीर के अंदर की क्षमता को बढ़ाती है, जिससे कैंसर कीमोथेरेपी जैसे इलाजों से होने वाले नुकसान से बचकर भी कैंसर से लड़ने का अवसर मिलता है.

कितना खतरनाक है पैंक्रियाटिक कैंसर?

पैंक्रियाटिक कैंसर से पीड़ित होने के बाद किसी व्यक्ति के 5 साल या इससे ज्यादा जीवित रहने की संभावना 10% से भी कम है. मेलेनोमा और फेफड़ों के कैंसर जैसे कुछ अन्य कैंसरों के विपरीत पैंक्रियाटिक कैंसर को का म्यूटेशन लोड कम रहता है. इसके अलावा इसके आसपास इम्यूनोसप्रेसिव माइक्रोइनवारयमेंट का ऐसा घेरा होता है, जिससे इसके इलाज में इम्यूनोथेरेपी उतनी कारगर नहीं रह जाती है. जबकि, कीमोथेरेपी और रेडिएशन के लाभ भी सीमित हैं. ऐसे में यह वैक्सीन उम्मीद जगाने वाली है. खासतौर पर CD8+ T cell प्रतिक्रिया को यह 1 से 1.5 साल तक बनाए रखती है, जिससे पीड़ित को कैंसर से लड़ने में मदद मिलती है.