‘अपराधियों का अड्डा’ बनी दक्षिण कोरियाई संसद! राष्ट्रपति ने लगाया आरोप; मार्शल लॉ किया लागू

दक्षिण कोरिया में राजनीतिक बवाल के बीच राष्ट्रपति यून सुक-योल ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मार्शल लॉ लागू किया है. जानिए इस बड़े फैसले के पीछे की पूरी कहानी.

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल Image Credit: Wagner Meier/Getty Images

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने 3 दिसंबर, मंगलवार को देश में आपातकालीन मार्शल लॉ लागू करने का ऐलान किया है. यून सुक ने देश को संबोधित करते हुए एक लाइव टेलीविजन पर ये घोषणा की है. दक्षिण कोरिया के सरकार का यह फैसला अपने देशवासियों को कम्युनिस्ट ताकतों से बचाना है. प्रेसिडेंट ने देश के नेताओं पर दक्षिण कोरिया का समर्थक होने का आरोप लगाया है.

एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, नेता ने अपने संबोधन में कहा,”उत्तर कोरिया की कम्युनिस्ट ताकतों से उत्पन्न खतरों और राज्य विरोधी तत्वों को समाप्त करने के लिए मैं आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा करता हूं.”

क्यों लिया यह फैसला?

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब सत्तारूढ़ पीपल पावर पार्टी (PPP) और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच अगले साल के बजट को लेकर तीखी बहस जारी है. विपक्षी सांसदों ने पिछले सप्ताह एक छोटी बजट योजना को संसदीय समिति से मंजूरी दे दी थी जिससे सत्ता पक्ष नाराज है.

राष्ट्रपति यून ने विपक्षी पार्टी पर देश की न्यायिक और प्रशासनिक व्यवस्था को बाधित करने और “उदार लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करने” का आरोप लगाया है. यून ने कहा, “हमारी नेशनल असेंबली अपराधियों का अड्डा बन गई है. यह विधायी तानाशाही का गढ़ है जो न्यायपालिका और प्रशासन को पंगु बनाना चाहती है.” उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष ने उन सभी प्रमुख बजटों में कटौती कर दी है जो देश की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण के लिए आवश्यक थे.

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राष्ट्रपति ने विपक्ष को “राज्य विरोधी ताकतें” करार देते हुए कहा कि वे शासन को उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने इसे “अनिवार्य” कदम बताया और देश को सामान्य स्थिति में लौटाने का वादा किया.

जनता के लिए संदेश

राष्ट्रपति ने जनता को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार जल्द ही राज्य विरोधी तत्वों को खत्म करके देश में स्थिरता बहाल करेगी. यह कदम दक्षिण कोरिया में राजनीतिक और सामाजिक तनाव को बढ़ा सकता है लेकिन यून ने इसे देशहित में जरूरी बताया.