मोबाइल, कार, वॉशिंग मशीन… सब होगा महंगा! ट्रम्प के लेटेस्ट फैसले से जेब पर पड़ेगा भारी असर

दुनिया में जल्द ही महंगाई की लहर देखने को मिल सकती है, जिससे आम उपभोक्ता की जेब पर तगड़ा असर पड़ सकता है. ट्रम्प प्रशासन के रेसिप्रोकल टैरिफ के फैसले से कई सेक्टर पर असर देखने को मिलेगा और प्रोडक्ट मंहगे हो सकते हैं. आखिर क्यों बढ़ेंगी कीमतें? जानिए इस आर्टिकल में.

ट्रेप के फैसले का होगा जेब पर असर Image Credit: Trump X

Trump Reciprocal Tariff Latest News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा विभिन्न देशों पर टैरिफ लगाने की धमकी से अमेरिकी उपभोक्ताओं को जल्द ही अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है. लेकिन कितना अधिक यह तय करना आसान नहीं है. अमेरिका के साथ साथ मंहगाई का असर पूरे देश में भी देखने को मिलेगा. ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ फैसले से मार्केट का कंपटीशन, प्रोडक्ट की जरूरत और आपूर्ति जैसे कई कारक कीमतों में वृद्धि की सीमा तय करेंगे. रिसर्च कंपनी Moody की एक आर्थिक रिपोर्ट के अनुसार, अगर मेक्सिको और कनाडा से आयात पर 25 फीसदी और अन्य देशों पर 10 फीसदी टैरिफ लगाया जाता है तो कई सामान्य घरेलू उत्पाद महंगे हो सकते हैं.

लग्जरी प्रोडक्ट पर सीधा असर

ऐसे उत्पाद जहां ज्यादा कंपनियों कि दौड़ होती है वहां टैरिफ के कारण कीमतों में ज्यादा बढ़त देखने को नहीं मिलेगी. उदाहरण के लिए, भारतीय टेबलक्लॉथ पर 10 फीसदी टैरिफ लगने से इसकी कीमत केवल 2 फीसदी तक बढ़ेगी, क्योंकि ऐसे प्रोडक्ट कई देशों से आयात किए जाते हैं. रिटेल विक्रेता दूसरे विकल्प तलाश सकते हैं या अपनी कीमतें कम करके कंपटीशन बनाए रख सकते हैं.

विशिष्ट और महंगे उत्पादों पर टैरिफ का प्रभाव पूरी तरह पड़ता है. उदाहरण के लिए, एक 21.99 डॉलर की इटैलियन वाइन पर 10 फीसदी टैरिफ लगने से उसकी कीमत बढ़कर 24.08 डॉलर हो जाएगी. ऐसे प्रोडक्ट के ग्राहक आमतौर पर ब्रांड बदलने के लिए तैयार नहीं होते जिससे कंपनियां इस अतिरिक्त लागत को सीधे उपभोक्ताओं पर डाल सकती हैं. इसका असर घरेलू उत्पादों पर भी पड़ेगा. ऐसे इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट जिन्हें आसानी से बदला नहीं जा सकता, उन पर टैरिफ का असर अधिक होगा.

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ऑटोमोबाइल बाजार पर भी दिखेगा असर

मेक्सिको से अमेरिका में सबसे ज्यादा यात्री वाहन आयात होते हैं, जो 2024 में कुल आयात का 23% हिस्सा रखते हैं. अगर इन वाहनों पर 25% टैरिफ लगाया जाता है तो इनकी कीमतों में भारी वृद्धि होगी. इसके अलावा, 2018 में अमेरिका द्वारा वॉशिंग मशीन पर टैरिफ लगाए जाने के बाद न केवल वॉशिंग मशीन बल्कि ड्रायर की कीमतें भी बढ़ गई थीं. इस बार भी ऐसा ही होने की संभावना है, क्योंकि स्टील और एल्युमिनियम जैसे कच्चे माल की लागत बढ़ने से घरेलू उपकरणों की कीमतें ऊपर जा सकती हैं.

अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ीं

ट्रंप के टैरिफ लागू करने के फैसले के साथ ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता और बढ़ गई है.मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्पादन में गिरावट आई है और कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं. नए ऑर्डर कम मिल रहे हैं, जिससे कारोबारियों में चिंता बढ़ रही है. महंगाई बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि कंपनियों को टैरिफ का बोझ उपभोक्ताओं पर डालना पड़ सकता है. ISM मैन्युफैक्चरिंग सर्वे कमेटी के चेयरमैन टिमोथी फियोरे ने कहा कि डिमांड घटी है, प्रोडक्शन स्थिर है और कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं.