ट्रम्प के नए टैरिफ से शिपिंग इंडस्ट्री पर गहराया संकट, चीन, मेक्सिको और कनाडा के व्यापार की बढ़ी मुश्किलें
वैश्विक व्यापार को लेकर बड़ा संकट गहराता जा रहा है. अमेरिकी सरकार के हालिया फैसलों से दुनिया भर के शिपिंग और लॉजिस्टिक्स सेक्टर पर भारी असर पड़ सकता है. आखिर इस बदलाव से कौन सा देश और सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.
Trump Reciprocal Tariff Impact: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नई व्यापारिक नीतियों और बढ़ते टैरिफ ने वैश्विक समुद्री शिपिंग उद्योग को एक नई अनिश्चितता के भंवर में धकेल दिया है. दुनिया के 80 फीसदी व्यापार को संभालने वाले इस उद्योग को अब व्यापार प्रतिबंधों, भू-राजनीतिक तनावों और बढ़ती लागतों की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. ट्रम्प प्रशासन ने मेक्सिको और कनाडा से आयातित उत्पादों पर 25 फीसदी नया टैरिफ लागू कर दिया है, जिससे वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मच गई है.
शिपिंग उद्योग पर भारी असर
लॉन्ग बीच, कैलिफोर्निया में इस हफ्ते S&P ग्लोबल TPM कंटेनर शिपिंग और सप्लाई चेन सम्मेलन हो रहा है, जहां MSC, Maersk और Hapag-Lloyd जैसे दिग्गज कंटेनर कैरियर, Walmart और DSV जैसी कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद हैं. इस आयोजन में प्रमुख कंपनियां टैरिफ बढ़ने के वजह से आ रही चुनौतियों और नए व्यापार समझौतों को लेकर बातचीत करेंगी.
विशेषज्ञों का मानना है कि संरक्षणवादी नीतियों के कारण अंतरराष्ट्रीय व्यापार में कमी आ सकती है, जिससे बड़ी कंटेनर शिपिंग कंपनियों की मोलभाव कैपेसिटी भी कमजोर हो सकती है.
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चीन, मैक्सिको और कनाडा के लिए नए टैरिफ
ट्रम्प प्रशासन ने पहले ही चीन से आयातित वस्तुओं पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है और अब मेक्सिको से आने वाले एवोकाडो और टकीला. कनाडा से इम्पोर्ट किए जा रहे बीफ और लकड़ी पर 25% शुल्क लगाया जा रहा है. इसके अलावा, कनाडा के तेल पर भी 10% ड्यूटी लगाई गई है.
ट्रम्प की नीतियों से चीन को सबसे अधिक नुकसान हो सकता है, क्योंकि वह दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है. अमेरिका द्वारा चीनी जहाजों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने के प्रस्ताव ने भी वैश्विक व्यापारियों की चिंता बढ़ा दी है. इस समय ग्लोबल सप्लाई चेन पहले से ही जलवायु परिवर्तन से बढ़ी हुई लागतों और लाल सागर में ईरान समर्थित हूती हमलों के वजह से बाधित जल मार्गों की समस्या से जूझ रही है.