यूक्रेन युद्ध के समाधान की कोशिश, ब्रिटेन-फ्रांस मिलकर बनाएंगे शांति योजना; ट्रंप के सामने रखेंगे ड्राफ्ट

यूक्रेन संकट को हल करने के लिए ब्रिटेन और फ्रांस ने मिलकर एक नई रणनीति बनाई है. यह योजना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने रखी जाएगी. लेकिन क्या यह शांति समझौता सफल होगा? जानिए इस कूटनीतिक पहल की पूरी कहानी.

ब्रिटेन प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर Image Credit: Andrew Harnik/Getty Images

यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए एक नई पहल की शुरुआत हो चुकी है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने घोषणा की है कि उनका देश और फ्रांस मिलकर यूक्रेन के लिए एक शांति समझौता तैयार कर रहे हैं, जिसे बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने पेश किया जाएगा. यह पहल तब सामने आई है जब शुक्रवार को व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और ट्रंप के बीच बैठक के दौरान गहमा-गहमी बढ़ गई.

रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को एक बयान में स्टारमर ने इस योजना को “आगे बढ़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम” बताया. उन्होंने यूरोप में “कोएलिशन ऑफ द विलिंग” यानी इच्छुक देशों के गठबंधन की जरूरत पर जोर दिया जो यूक्रेन को मजबूत समर्थन दे सके.

मैक्रों-स्टारमर की योजना पर ट्रंप की राय अहम

हालांकि, स्टारमर ने स्पष्ट किया कि कोई भी संघर्षविराम समझौता तब तक प्रभावी नहीं हो सकता जब तक उसे अमेरिका का समर्थन न मिले. स्टारमर के मुताबिक, अगर अमेरिका इस पहल के पीछे नहीं खड़ा होता तो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दोबारा आक्रमण करने का मौका मिल सकता है. स्टारमर ने बताया कि यूके और फ्रांस इस योजना पर सबसे आगे हैं और इसी कारण वह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ मिलकर इस पहल पर काम कर रहे हैं. इसके बाद इस प्रस्ताव को अमेरिका के साथ साझा किया जाएगा.

शनिवार को स्टारमर ने मैक्रों और ट्रंप से मुलाकात की थी. यह बैठक तब हुई जब उन्होंने डाउनिंग स्ट्रीट में जेलेंस्की की मेजबानी की जो ट्रंप से अपनी मुलाकात के ठीक एक दिन बाद लंदन पहुंचे थे.

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शांति समझौते के लिए अमेरिकी गारंटी जरूरी

स्टारमर ने दोहराया कि किसी भी शांति योजना के लिए अमेरिका की सुरक्षा गारंटी जरूरी होगी. उन्होंने कहा, “मैं हमेशा से यह स्पष्ट करता आया हूं कि यह समझौता अमेरिकी समर्थन के बिना संभव नहीं होगा क्योंकि इसके बिना कोई ठोस सुरक्षा गारंटी नहीं होगी.”

यूके जल्द ही पश्चिमी देशों के नेताओं की लंदन में मेजबानी करेगा जहां यूक्रेन युद्ध के संभावित समाधान को लेकर चर्चा की जाएगी. इस बैठक को शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है.