अमेरिका भारत को लौटाएगा 1440 ऐतिहासिक मूर्तियां, कीमत 10 मिलियन डॉलर
भारत की चोरी हुई 1440 ऐतिहासिक मूर्तियों को अमेरिका लौटाएगा. देश की प्राचीन संस्कृति की पहचान देने वाली इनकी कुल कीमत 10 मिलियन डॉलर हैं.
अमेरिका ने भारत को 1,440 चुराई गई प्राचीन वस्तुओं को वापस करने की घोषणा की है. देश की संस्कृति के बारे में जानकारी देने वाली इन प्राचीन कलाकृतियों की तस्करी देश के बाहर हुई है. ये वस्तुएं जांच के दौरान बरामद की गईं. इनकी कुल कीमत करीब 10 मिलियन डॉलर है. इन वस्तुओं को न्यूयॉर्क में भारतीय राजदूत मनीष कुल्हारी को सौंपा गया है. न्यूयॉर्क के अधिकारियों का कहना है कि तस्करी नेटवर्क की जांच जारी है.
इन वस्तुओं में एक खास वस्तु है, जिसे ‘आकाशीय नर्तकी’ के नाम से जाना जाता है, जो मध्य भारत से चुराई गई थी. यह मूर्ति पहले लंदन पहुंची थी, फिर मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ आर्ट में प्रदर्शित की गई थी. इसके अलावा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी कई महत्वपूर्ण मूर्तियों की वापसी हुई है.
सांस्कृतिक कलाकृतियों की होगी वापसी
अमेरिका के अधिकारियों के मुताबिक करीब 1,140 प्राचीन वस्तुएं भारत को लौटाई जाएंगी, जिनकी कीमत 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर है. इसके अलावा, प्राचीन वस्तुओं की तस्करी करने वाले ग्रुप ने 30 से अधिक देशों से चुराई गई 2,100 से अधिक सांस्कृतिक कलाकृतियां हैं, जिनकी कुल कीमत करीब 230 मिलियन डॉलर है. अमेरिका और भारत के बीच एक समझौते के तहत सांस्कृतिक संपत्ति की सुरक्षा और चुराई गई वस्तुओं की वापसी को आसान बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
किन कलाकृतियों की हुई वापसी
इससे पहले भी, अमेरिका ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान 297 प्राचीन कलाकृतियां सौंपीं थीं, जो इसी तरह देश से बाहर ले जाई गई थीं. इन कलाकृतियों में विशेष रूप से 10-11वीं शताब्दी ईसा पूर्व की मध्य भारत की बलुआ पत्थर से निर्मित एक अप्सरा, तीसरी-चौथी शताब्दी ईसा पूर्व का पूर्वी भारत का टेराकोटा का एक फूलदान तथा पहली शताब्दी ईसा पूर्व की दक्षिण भारत की पत्थर की एक मूर्ति हैं. अधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की 2021 में अमेरिकी यात्रा के दौरान अमेरिकी सरकार ने 157 कलाकृतियां लौटाई थीं, जिसमें 12वीं शताब्दी ईसा पूर्व की नटराज की कांसे की मूर्ति मिली.