तेल का ये कैसा खेल! अमेरिका ने दो भारतीयों पर कसा शिकंजा; साथ में है 30 जहाजों का बेड़ा
अमेरिका ने एक भारतीय व्यक्ति और दो भारत की कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए है. दरअसल, अमेरिका ने कहा है कि एक भारतीय व्यक्ति ईरान के तेल को गैरकानूनी तरीके से बेचने में शामिल है. इस व्यक्ति का नाम जगविंदर सिंह बराड़. ये अभी संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में रहता है. इसके साथ-साथ उसकी दो भारतीय कंपनियां भी इसमें शामिल हैं.

अमेरिका ने एक भारतीय व्यक्ति और दो भारत की कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए है. दरअसल, अमेरिका ने कहा है कि एक भारतीय व्यक्ति ईरान के तेल को गैरकानूनी तरीके से बेचने में शामिल है. इस व्यक्ति का नाम जगविंदर सिंह बराड़. ये अभी संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में रहता है. इसके साथ-साथ उसकी दो भारतीय कंपनियां भी इसमें शामिल हैं. पहला Global Tankers Private Limited और दुसरा B and P Solutions Private Limited है.
गलत जानकारी देकर ईरान के तेल का कर रहे इस्तेमाल
जगविंदर सिंह बराड़ कई शिपिंग कंपनियों के मालिक हैं. इनके पास लगभग 30 जहाजों का बेड़ा (fleet) है. ये जहाज बिना बताए या गलत जानकारी देकर ईरान के तेल को एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हैं. ये जहाज छोटे होते हैं और अक्सर ईरान, इराक, UAE और ओमान की खाड़ी के पास काम करते हैं. ये तेल को एक जहाज से दूसरे जहाज में छुपकर (ship-to-ship transfer) ट्रांसफर करते हैं ताकि पता न चले कि यह तेल ईरान से आया है.
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नकली कागजात का करते है इस्तेमाल
फिर इस तेल को दूसरे देशों के तेल के साथ मिलाया (blend) जाता है और नकली कागजात बनाए जाते हैं. इससे यह तेल कानूनी लगे और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचा जा सके. अमेरिका ने कहा कि बराड़ और उसकी कंपनियां ईरान की सरकार और सेना के लिए यह काम करती हैं. इससे उन्हें पैसे मिलते हैं. बराड़ के जहाजों ने कई बार ऐसे इलाके में काम किया है जहां ट्रैकिंग सिस्टम को बंद कर दिया गया या गलत जगह दिखाया गया. ताकि कोई पता न लगा सके कि जहाज कहां है.
अमेरिका उठा सकता है ये बड़ा कदम
भारतीय कंपनियां खासकर B and P Solutions, भारत के तेल और गैस टर्मिनल्स के पास स्थित हैं. इससे उन्हें ये तेल भारत में लाना आसान हो जाता है. अब अमेरिका ने बराड़, उसकी UAE और भारत की कंपनियों पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध (sanctions) लगाए हैं. अमेरिका की सरकार ने कहा कि अब इन कंपनियों की अमेरिका में कोई संपत्ति हो तो वो जब्त कर ली जाएगी और कोई भी अमेरिकी व्यक्ति या कंपनी इनसे व्यापार नहीं कर सकती.
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